Sunday 14 April 2013

एक नदी कण्ठी सी -1965

एक नदी कण्ठी सी


 

1 एक नदी कण्ठी सी





एक नदी कण्ठी सी
मटमैली मेड़ पर
पगडन्डी धूल पर
उस सूरज के घर
एक ताल सोने का
एक नदी कन्ठी सी।

एक गांव बहुत प्यारा है
सूरज के घर का
सबसे छोटा बेटा है
गेहूं की बालों का
मेहनती छोरा है
जो नदिया को हेर-घेर
कन्ठी सा पहिने है।

जिसकी गोरी ने
एक ताल सोने का
जो सुबह-सुबह छलका है
अपनी गागर भर
सिर पर बिंदिया सा पहिना है।

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